Gold Price Today: आज 13 अगस्त बुधवार के दिन भारतीय सोना-चांदी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। सावन महीने के समाप्त होने के साथ ही बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में निरंतर गिरावट का सिलसिला जारी है। निवेशकों के लिए यह समय सुनहरा अवसर साबित हो सकता है, क्योंकि सोना और चांदी दोनों ही अपने हाल के उच्च स्तर से काफी नीचे आ गए हैं।
पिछले चार दिनों से लगातार जारी यह मंदी का दौर वैश्विक कारकों से प्रभावित है। अमेरिकी नीतियों में बदलाव और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक स्थितियों का सीधा प्रभाव भारतीय कीमती धातु बाजार पर पड़ रहा है।
सोने की कीमतों में भारी गिरावट
आज दिल्ली के प्रमुख सराफा केंद्रों में सोने की कीमतें नकारात्मक क्षेत्र में पहुंच गई हैं। 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने में प्रति 10 ग्राम लगभग ₹1000 की कमी दर्ज की गई है, जिससे इसका मूल्य ₹1,01,520 तक पहुंच गया है। यह गिरावट मुख्यतः वैश्विक स्तर पर बिकवाली के दबाव के कारण हुई है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ की रिपोर्ट के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार को ₹1,01,120 प्रति 10 ग्राम की दर से कारोबार हो रहा है। इसमें सभी सरकारी कर और शुल्क शामिल हैं। यह कीमत हाल के महीनों में देखे गए उच्चतम स्तरों से काफी नीचे है।
चांदी बाजार में भी तीव्र गिरावट
चांदी की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं है। राजधानी दिल्ली के बाजार में चांदी की कीमत में ₹2000 प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट देखी गई है। वर्तमान में चांदी ₹1,12,000 प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। सोमवार को यह कीमत ₹1,14,000 थी, जो इस तीव्र गिरावट को दर्शाता है।
इस गिरावट का मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में व्यापारिक नीतियों में आने वाले बदलाव हैं। वैश्विक स्तर पर निवेशकों का रुख बदलने से इन बहुमूल्य धातुओं की मांग में कमी आई है।
अमेरिकी नीतियों का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की घोषणाओं का भारतीय सोना-चांदी बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ा है। सोने के आयात पर टैरिफ न लगाने की घोषणा के बाद कीमतों में यह नरमी देखने को मिल रही है। इससे आयातकों की चिंताएं काफी हद तक कम हो गई हैं।
न्यूयॉर्क के वैश्विक बाजार में सोना 0.13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ $3347.18 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है। यह मिश्रित संकेत देता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हो रही है।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएं
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान गिरावट अस्थायी प्रकृति की है। ट्रंप प्रशासन की नीतियों में स्पष्टता आने के बाद मेटल आयात की लागत संबंधी चिंताएं काफी कम हो गई हैं। सोने की कीमत $3400 प्रति औंस के स्तर से नीचे आ चुकी है, जो निकट भविष्य में स्थिरता की संभावना दर्शाता है।
वर्तमान परिस्थिति में खरीदारों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय तक निवेश की योजना बना रहे हैं। हालांकि, निवेश से पहले बाजार की गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक है।