Free Scooty Scheme: शिक्षा के क्षेत्र में बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें अनेक प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करती रहती हैं। इसी क्रम में राजस्थान सरकार द्वारा संचालित “निःशुल्क स्कूटी वितरण योजना” एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को मुफ्त स्कूटी प्रदान की जाती है। यह योजना मुख्यतः ग्रामीण एवं दूरदराज की छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा की राह को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पर्यावरण अनुकूल : इलेक्ट्रिक स्कूटी
वर्तमान युग में भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है। इस सोच के अनुरूप राजस्थान सरकार भी अपनी स्कूटी योजना में इलेक्ट्रिक स्कूटी को सम्मिलित करने की योजना बना रही है। इस नवाचार से छात्राओं को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी उनका योगदान हो सकेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों से ईंधन की बचत होती है और प्रदूषण भी कम होता है।
विभिन्न वर्गों के लिए विशेष योजनाएं
राजस्थान प्रदेश में वर्तमान में तीन मुख्य निःशुल्क स्कूटी योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत योग्य छात्राओं से ऑनलाइन आवेदन पत्र मंगवाए जाते हैं और तत्पश्चात मेरिट सूची के आधार पर स्कूटी का वितरण किया जाता है।
कालीबाई मेधावी बालिका स्कूटी योजना
यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति की प्रतिभावान छात्राओं के लिए संचालित की जा रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम होनी आवश्यक है। शैक्षणिक योग्यता की दृष्टि से राजस्थान बोर्ड से 12वीं में न्यूनतम 65% तथा सीबीएसई बोर्ड से कम से कम 75% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। लाभार्थी छात्रा का किसी मान्यता प्राप्त सरकारी अथवा निजी महाविद्यालय में प्रवेश होना आवश्यक है।
देवनारायण बालिका स्कूटी योजना
इस कल्याणकारी योजना का फायदा अति पिछड़ी जाति की छात्राओं को प्राप्त होता है। योग्यता मानदंड के अनुसार राजस्थान बोर्ड से न्यूनतम 50% एवं सीबीएसई बोर्ड से 60% अंक होना आवश्यक है। यह योजना केवल उन छात्राओं के लिए निर्धारित है जिन्होंने स्नातक स्तर की शिक्षा में दाखिला लिया हो।
मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना
इस विशेष योजना के तहत 50% या इससे अधिक दिव्यांगता से ग्रसित महिलाओं को निःशुल्क स्कूटी उपलब्ध कराई जाती है। आयु की सीमा 18 से 45 वर्ष निर्धारित की गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग महिलाओं को शिक्षा एवं रोजगार के अवसरों तक सुगम पहुंच प्रदान करना है।
आवेदन की प्रक्रिया
इच्छुक एवं योग्य छात्राएं एसएसओ पोर्टल अथवा संबंधित विभाग की प्रामाणिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन केवल निर्धारित समयावधि के अंतर्गत ही स्वीकार किए जाते हैं, अतः छात्राओं को आवेदन की तारीख एवं प्रक्रिया की सटीक जानकारी पूर्व में ही प्राप्त कर लेनी चाहिए।
योजना के प्रमुख फायदे
इस महत्वाकांक्षी योजना से अनेक लाभ प्राप्त हो रहे हैं। ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राओं के लिए महाविद्यालय पहुंचना सुविधाजनक हो गया है। इलेक्ट्रिक स्कूटी के उपयोग से पेट्रोल के खर्च में काफी बचत होगी। आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को भी समान अवसर मिल रहे हैं। दिव्यांग महिलाओं के लिए शिक्षा एवं करियर की राह आसान हो गई है। साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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